नयी दिल्ली। श्रीराम को तो लोग इस लिये महान मानते हैं क्यों कि उन्होंने अपने तप, बल और कर्मों से कीर्तिमान स्थापित किया था। लेकिन प्रचीनकाल से ही रावण को बुरा दर्शाया है। बुराइयों का प्रतीक मान कर हर साल उसका पुतला दहन किया जाता है। लेकिन अमृतसर के जाड़ा बाग की रामलीला में रावण बने कलाकार ने ऐसा कुछ कर दिया कि उसे लोग आसानी से नहीं भुला पायेंगे।
अमृतसर जोड़ा बाग में रावण का किरदार कर रहे दलबीर सिंह ने आखिरी दिन अपनी जान की फ्रिक न करते हुए रेल हादसे के दौरान कई लोगों की जान बचाई। लेकिन हालात ऐसे बने कि उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। लोगों को क्या मालूम था कि वो जिंदगी का आखिरी रावण दहन देखने आया है। 24 साल का दलबीर अपने बेटे के साथ हादसे के दौरान अपने घर वापस आ रहा था। उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए कई लोगों की जान बचाई लेकिन अपनी जान गंवा बैठा। उसके घर में विधवा मां व पत्नी और छोटा बेटा ही रह गया है। गांव व आसपास के लोग उसकी बहादुरी पर गर्व महसूस कर रहे है।
विनय गोयल की रिपोर्ट
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