आज का दिन किसान आंदोलन में शामिल किसानों के लिए काफी निर्णायक रहा. सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की परेशानी को सुनते हुए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी. और किसानों की समस्या सुलझाने के लिए चार लोगों की एक कमेटी बना दी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सख्ती बरतते हुए कहा कि आपको कानून लाने से पहले सबसे सभी पक्षों को राज़ी करना चाहिए था. जिसका स्वागत किसानों के वकील एपी ने स्वागत किया.
आपको बता दे, सुप्रीम कोर्ट में तीनों कृषि कानून के समर्थन में भी कई एफिडेविट दायर किये गए थे. उसी में से एक एफिडेविट पीएस नरसिम्हा के द्वारा दायर किया गया था. जिसमे उन्होंने कहा था कि इस तरह का प्रोटेस्ट काफी डेंजरस है. इसमें सिख फॉर जस्टिस जैसे संगठन शमिल है.
जिस पर चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल से पूछा पीएस नरसिम्हा आरोप लगा रहे है कि प्रतिबंध्ति संस्थाए आंदोलन में किसानों की मदद कर रही है. क्या आप इसे कन्फर्म करेंगे.
अटॉर्नी जनरल : हम पहले ही कह चुके है खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा – यदि कोई आरोप लगा रहा है किसान आंदोलन में प्रतिबंध्ति संस्थाए किसानों की मदद कर रही है जो आप भी ऑन रिकॉर्ड कन्फर्म कर चुके है. फिर आप कल एफिडेविट फाइल कीजिये.
इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा – हां, हम कल आई बी के रिकॉर्ड के साथ एफिडेविट फाइल करेंगे।