नयी दिल्ली। सुना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के पुराने साथी प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव एक बार फिर एकजुट होने जा रहे हैं। इस बार बहाना प्रजातंत्र को बचाने का है। लगभग दो साल पहले योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाये थे। इतना ही नहीं पार्टी ने इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दिया था। इस बीच इन बागी नेताओं एक नया राजनीतिक दल स्वराज अभियान का गठन किया।
लोगां को स्वराज अभियान के बैनर तले एमसीडी का चुनाव भी लड़वाया गया। लेकिन भारी निराशा का सामना करना पड़ा। दिल्ली की जनता ने उनके प्रत्याशियों को मान्यता देने की जेहमत भ नहीं उठायी चुनाव प्रचार में स्वराज अभियान की ओर से दिल्ली सरकार, बीजेपी और कांग्रेस को निशाने पर रखा गया। आम आदमी पार्टी के 50 पार्षद एमसीडी चुनाव में सफल रहे।
इस बीच स्वराज अभियान के कर्ताधर्ता योगेंद्र यादव को अक्ल आ गयी कि बीजेपी और कांग्रेस से टक्कर लेनी है तो अपनी पुरानी पार्टी का साथ लेना पड़ेगा। उधर आम आदमी पार्टी ने आगामी चुनाव को देखते हुए योगेंद्र यादव एण्ड पार्टी से हाथ मिलाने में कोई गुरेज नहीं किया है। आप और स्वराज अभियान के साथ सीपीआई और सीपीएम के अलावा अनेक सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रजातंत्र को बचाने के लिये एकजुट होने जा रहे हैं।
विनय गोयल की रिपोर्ट
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