Karnataka Election 2023: भाजपा के दक्षिण गढ़ से जा रहे हैं नेता, आखिर क्यों येदि्दयुरप्पा के लोगो का हो रहा हैं पार्टी से मोह भंग …..

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के राजनीतिक दलों के बीच घर बदल का खेल तेज हो गया हैं. इस घर बदल के खेल में भाजपा को अभी तक नुकसान ही हो रहा हैं.

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दो-तीन महीनें पहले राज्य की सियासत गरमा रही है. पाला बदल का खेल शुरू हो गया है. भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के दो करीबी लिंगायत नेता एचडी थमईया और केएस किरण कुमार भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए हैं. जानकारों का कहना है कि चुनाव से पहले येदियुरप्पा के करीबियों का कांग्रेस में जाना भाजपा में असंतोष की सुगबुगाहट भी हो सकती है.

इस बीच भाजपा प्रवक्ता मधुसूदन ने दैनिक भास्कर को कहा कि चुनाव से पहले आया राम-गया राम और पाला बदल का दौर रहता ही है. पार्टी पर असर नहीं पड़ेगा. उधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार ने दावा किया कि भाजपा के और भी नेता कांग्रेस में शामिल होंगे.

येदियुरप्पा ताकत दिखाना चाहेंगे

कर्नाटक में भाजपा के मजबूत नेता येदियुरप्पा (80) अभी संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं. पुत्र बीवाई राघवेंद्र शिमोगा से सांसद हैं. येदियुरप्पा के एक पुत्र बीवाई विजयेंद्र प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष हैं. विजयेंद्र को बूथ मैनेजमेंट का एक्सपर्ट माना जाता है. भीतरखाने चर्चा है कि अगली सरकार में येदियुरप्पा अपने पुत्रों को बड़े ‘रोल’ में देखना चाहते हैं. ऐसे में येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय में अपने दबदबे के चलते पार्टी को अपनी ताकत दिखा सकते हैं.

सीएम बोम्मई 30 महीने बाद भी अपनी कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाए

माना जाता है कि येदियुरप्पा की सहमति के बाद ही वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पद सौंपा गया था. लेकिन बोम्मई पद संभालने के 30 महीने बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाए. सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान कैबिनेट विस्तार के कारण विरोध की आशंका को टालने के लिए इस पर फैसला ही नहीं कर पाया. वर्तमान कैबिनेट में कई क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है.