विदेश मंत्री एस जयशंकर बृहस्पतिवार से उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। इस दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगे। एससीओ की बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो के भी शामिल होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि जयशंकर एससीओ के सदस्य राष्ट्रों के अपने कुछ समकक्षों (जिसमें वांग और लावरोव शामिल हैं) के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।
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शहबाज शरीफ के नेतृत्व में इस्लामाबाद में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नई गठबंधन सरकार बनने के बाद भुट्टो पहली बार विदेश मंत्री जयशंकर से आमने-सामने मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जयशंकर बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान गणराज्य के कार्यवाहक विदेश मंत्री व्लादिमीर नोरोव के निमंत्रण पर भाग ले रहे हैं।
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जयशंकर की यात्रा की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में, सितंबर में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन पर बातचीत होगी। समरकंद में 15-16 सितंबर के बीच एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान जा सकते हैं।
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विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘विदेश मंत्री एस जयशंकर 28-29 जुलाई के बीच उज्बेकिस्तान की यात्रा करेंगे। वह उज्बेकिस्तान गणराज्य के कार्यवाहक विदेश मंत्री व्लादिमीर नोरोव के आमंत्रण पर एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने जाएंगे।’
बयान में कहा गया, ‘इस बैठक में, समरकंद में 15-16 सितंबर के बीच राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के सम्मेलन के लिए तैयारी पर चर्चा की जाएगी।’2001 में हुई थी एससीओ की स्थापना
एससीओ, जिसे नाटो के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लाक है। एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।
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