कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने माना की राहुल गांधी को सड़क पर समर्थन नही मिल रहा है, अब क्या होगा कांग्रेस का अगला कदम ………

भारत के शास्त्रो ने कई युगो का वर्णन किया है. लेकिन आज हम अपनी खबर मे दो युगो का वर्णन करेंगे ओर आज की राजनीति के हिसाब से समझेंगे की आखिर हम इसका जिक्र क्यो कर रहे है. एक युग था द्वापर और आज का वर्तमान युग है कलयुग. द्वापर युग को थोड़ा ध्यान से समझेंगे तो वहा भी एक हठी युवराज के कारण एक राजा को अपना सम्राज्य और पुरे कुल से हाथ धोना पड़ा था. वही आज की वर्तमान राजनीति को भी देखेंगे तो अपको पता चलेगा की एक युवराज है जिसको सत्ता मे बिठाने की जिद ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को रसातल की औऱ धकेल दिया है. पुत्र मोह हर युग मे राज्य के लिए नुकसानदायक ही साबित हुआ है. लेकिन एक बेहतर चीज हर युग मे थी, द्वापर मे भीष्म थे और आज के समय मे कांग्रेस के भीतर भी कई भीष्म थे जिन्होंने अपने विवेक से राहुल को सलाह दी, लेकिन कुछ को ऐसा ब्लॉक कर दिया गया की जिस वह कांग्रेस ही छोड़ कर चले गए और कुछ हाशिए पर चले गए जो कुछ बच गए है वो सलाह दे रहे है. लेकिन कब तक दे पाएंगे यह नही बता सकते है. राहुल गांधी जो कांग्रेस प्रथम परिवार के युवराज है उनकी सदस्यता संसद से खत्म हो चुकी है,जिसके बाद कांग्रेस ने रणनीति बनाई की राहुल के सदस्यता रद्द मसले को लेकर वह सड़क पर जाएंगे और जनता को समझाने की कोशिश करेंगे और 2024 के लिए माहौल बनाने की कोशिश करेंगे कांग्रेस को उम्मीद थी कि जनता भी समर्थन मे उतरेगी लेकिन जनता ने कांग्रेस के परिवारवाद को बचाने के लिए किए जा रहे सत्याग्रह से दुरी बना ली और कांग्रेस के सत्याग्रह मे जनता के नाम पर जुटे तो मात्र कांग्रेस के कार्यकर्ता और खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी यह मान रहे की राहुल की सदस्यता जाने के मसले पर उन्हे जनता से अपेक्षित समर्थन नही मिला आखिर किस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कही इतनी बड़ी बात बताते है आपको इस रिर्पोट मे …… पी चिदंबरम से जब पूछा गया कि राहुल गांधी के सदस्यता खोने के बाद जनता उनके समर्थन में आंदोलन करने नहीं आ रही है. इसपर पी चिदंबरम ने कहा, जनता किसी भी मुद्दे पर बीते कई सालों से प्रदर्शन करने नहीं आती है. किसानों को भी जनता का समर्थन नहीं मिला था. सीएए के मामले में केवल मुसलमानों ने प्रदर्शन किया. आजादी से पहले  हर वर्ग ने गांधी जी का समर्थन किया था. वे सड़कों पर आ गए थे. मुझे आश्चर्य भी है और निराशा भी है कि दूसरे देशों की तरह लोग यहां प्रदर्शन करने नहीं आ रहा है. कांग्रेस के नेताओ को समझना होगा की जब तक वह युवराज और स्वामीभक्ति मे लीन रहेंगे तब तक उन्हे जनता का समर्थन प्राप्त नही होगा.