कांग्रेस के भीतर शायद यह आम प्रचलन हो गया है की चुनावी मौसम मे ऐसा बयान दे की पार्टी खुद ही राजनीतिक हाशिए पर चली जाए. 2014,2019 या कोई भी निकट चुनाव मे कांग्रेस के नेताओ का बयान सुनेंगे तो आपको ऐसा लगेगा की चुनावो मे कांग्रेस की आधी मिट्टी पलीद तो कांग्रेस के नेताओ ने ही की है. राहुल गांधी ने थोड़ा बहुत मरणासन्न पर पहुंच चुकी कांग्रेस मे भारत जोड़ो यात्रा के तहत जान फुकने की कोशिश की थी लेकिन खुद ही ब्रिटेन मे जा कर भारतीय लोकतंत्र के बारे मे अनाप शनाप बोलकर भारत जोड़ो यात्रा के हासिल को शुन्य कर दिया. अब स्वामी ऐसे कर रहे है तो स्वामी भक्त कैसे पीछे रह सकते है. कर्नाटक चुनाव दक्षिण का सबसे अहम राज्य है. भाजपा का यह दक्षिण का किला है. लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनो ही इस तटीय इलाके मे जीत का झंड़ा फहरा कर दक्षिण और देश के राज्यो मे अक संदेश देना चाहती है और कही ना कही कर्नाटक चुनावो के परिणाम पार्टीयों की 2024 के लिए दशा और दिशा भी तय करेगी. लेकिन इतने अहम राज्य के चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता ने ऐसा बयान दे दिया की अब ना उनसे उगले बन रहा है ना निगले बन रहा है. क्या है खबर बताते है आपको ………. बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए लिंगायत नेताओं को लेकर माना गया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा. राहुल गांधी भी कर्नाटक के दौरे पर पहुंचे और फोकस लिंगायत वोटों को रिझाने का रहा. लिंगायत समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए राहुल गांधी कर्नाटक के बागलकोट जिले के कुडाला संगमा में बसवा जयंती समारोह में भाग लेने पहुंचे. वह लिंगायत के मठ भी गए लेकिन इसी बीच सिद्धारमैया के ‘भ्रष्ट लिंगायत सीएम’ बयान पर घमासान शुरू हो गया है.राहुल गांधी संगमेश्वर मंदिर और बासवन्ना की समाधि पर भी गए. कार्यक्रम स्थल पर आयोजित बसवा जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लिंगायत समुदाय को संदेश दिया. वह लिंगायत मठ गए और यहां मठाधीशों से मिले. इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया की लिंगायत समुदाय पर एक विवादास्पद टिप्पणी बीजेपी के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आई है.सिद्धारमैया ने रविवार को कहा, ‘पहले से ही लिंगायत मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हैं. वह कर्नाटक में सभी भ्रष्टाचारों की जड़ हैं.’ उनके इस बयान पर बहस छिड़ गई. हालांकि सिद्धारमैया ने विवाद बढ़ने पर बयान को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी विशेष रूप से बोम्मई के खिलाफ थी, न कि पूरे लिंगायत समुदाय के खिलाफ. सिद्धारमैया के बयान के कारण कांग्रेस बैकफुट पर है अब देखना है की चुनावो मे कांग्रेस इसकी भरपाई कैसे करेगी.
कांग्रेस को राजनीतिक पंगू कैसे बना रहे है उसी के नेता, चुनावो से पहले कांग्रेस मे नया चलन !
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