प्रधानमंत्री के विरोध के नाम पर आज के समय मे एक अलग तरह की ही राजनीति ने जोर पकड़ रखा है. आज के राजनीतिक दौर मे विपक्ष मोदी विरोध मे इतना तल्लिन है की उसने तमाम राजनीतिक सिद्दांत को ताक पर रख दिया है. भारती राजनीति के हर दौर मे राजनीतिक शिष्टाचार को सर्वोच्च स्थान पर रखा गया था, फिर चाहे पक्ष हो या विपक्ष. राजनीति मे मुजबानी हमले होते रहे है, लेकिन हमेशा से ही पद और सार्वजनिक मर्यादा का ख्याल हर पार्टी ने हर दौर मे रखा है. लेकिन आज की राजनीति मे इस भाव का अभाव दिखता है. मोदी के राजनीतिक कद, धरोहर और हार से ग्रस्त विपक्ष की हताशा का आलम यह है की अब विपक्ष दोयम दर्जे की राजनीति पर उतर आया है. पहले दिल्ली और अब गुजरात मे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार तार कर दिया है. जो आम आदमी पार्टी सर्वोच्च राजनीतिक शिष्टाचार की बात करती थी क्या यह बाते भी उसके पांखड का ही एक रुप था. क्योंकी आप की एक और करतूत सबके सामने आयी है और उनके 8 लोग भी पुलिस के गिरफ्त मे आ गए है आखिर क्या है मामला बताते है आपको ……….. गुजरात में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगाना महंगा पड़ गया. शुक्रवार को पुलिस ने कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और अब वह उनसे इस मामले में पूछताछ कर रही है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया, अहमदाबाद के कई इलाकों में मोदी हटाओ, देश बचाओ के पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. अहमदाबाद में ये गिरफ्तारियां आप के पीएम मोदी के खिलाफ शुरू किए गए पोस्टर अभियान, मोदी हटाओ-देश बचाओ के नारे लिखे पोस्टर शहर की दिवारों पर चस्पा किए जाने के बाद शुरू हुई हैं. गुजरात में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगाना महंगा पड़ गया. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी के ड़िग्री के मामले पर गुजरात हाईकोर्ट जुर्माना लगा चुकी है और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था की प्रधानमंत्री के खिलाफ आप भ्रामक प्रचार कर रहे है. प्रधानमंत्री इस काम के लिए के बाध्य नही है की वो अपनी ड़िग्री दिखाए. आप को समझना होगा की राजनीतिक प्रतिद्वंदी होना एक बात है और संवैधानिक पद की गरिमा खंडित करना दुसरी बात है.