विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस मे दो फाड़………. ! कैसे तय होगी 2024 की ड़गर ?

विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस और सभी विपक्षी दल बहुत अधिक उत्साह है. लेकिन सभी विपक्षी दलों की भूमिका एक दूसरे के प्रति विरोधाभासी हैं. सभी दलों की केंद्र की सत्ता से अपनी लालसा बनी हुई है. सभी दल चाहते है की केंद्र मे अगर विपक्षी सत्ता आती है तो सत्ता की सबसे अधिक मलाई उनको ही खाने को मिले लेकिन समस्या यह है की विपक्षी एकता की ड़गर है बहुत मुश्किल क्योंकी विपक्षी एकता के लिए विरोध बाहरी ही नही भीतरी भी है. सबसे अधिक यह विरोध कांग्रेस मे हो रहा हैं. देश की सबसे पुरानी पार्टी का तमगा समेटे यह पार्टी समकालीन राजनीति मे अपने वर्चस्व को बचाने की जंग लड़ रही है. विपक्षी एकता मे सम्मिलित  होने के लिए लालायीत कांग्रेस का आंतरिक विरोध होने लगा हैं.क्या है खबर बताते है आपको ……………… विपक्षी एकता और कांग्रेस को लेकर स्पिरिचुअल गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कुछ ऐसा ट्वीट किया जो देखते ही देखते वायरल हो गया. अपने इस ट्वीट में प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी एकता को लेकर विभिन्न दलों द्वारा लगाई जा रही शर्तों का जिक्र किया है. साथ ही यह भी लिखा है कि यह विपक्षी एकता है या कांग्रेस मुक्त भारत का नूतन स्वरूप. गौरतलब है कि विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों के नेता जोर-शोर से लगे हुए हैं. नीतीश कुमार तो विपक्ष में की बैठक को लेकर तारीख पर तारीख का ऐलान किए जा रहे हैं. वहीं, कई दल ऐसे हैं जो विपक्षी एकता का हिस्सा तो बनना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी शर्तें लाद रखी हैं. प्रमोद कृष्णम ने लिखा है कि ‘आप’ कहते हैं दिल्ली और पंजाब छोड़ दो, अखिलेश यादव कहते हैं यूपी छोड़ दो, ममता बनर्जी कहती हैं बंगाल छोड़ दो, केसीआर चाहते हैं कि तेलंगाना छोड़ दो, जगन रेड्डी चाहते हैं आंध्रा छोड़ दो, स्टालिन कहते हैं तमिलनाडु छोड़ दो, किसी दिन शरद पवार कहेंगे कि महाराष्ट्र भी छोड़ दो. इसके आगे प्रमोद कृष्णम ने लिखा है कि ये विपक्षी एकता है या कांग्रेस मुक्त भारत का नूतन स्वरूप. अपने इस ट्वीट में आचार्य प्रमोद ने सभी प्रमुख नेताओं को टैग किया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी टैग किया है. गौरतलब है कि विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है. इसको लेकर नीतीश कुमार ने 23 जून को विपक्ष की बैठक बुलाई है. इसको लेकर ममता बनर्जी के सुर भी लगातार बदल रहे हैं.