सीएम केजरीवाल के बंगले पर खर्च हुए 45 करोड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. केजरीवाल साहब जब दिल्ली के मुखिया बने थे तब उन्होने कहा था की हम आम जनता के सीएम है. हमे वीआईपी ट्रीटमेंट नही चाहिए हमे चमक धमक की जरुरत नही है. लेकिन कई बार राजनीति मिशन नही महत्वकांक्षा का रुप धारण कर लेती है. शायद सीएम साहब के साथ भी ऐसा ही हुआ.जिनके सांसद संजय सिंह पुंजीवाद के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे. आज उन्ही के शीर्ष नेता पुंजीवादी व्यक्ति जैसा जीने के लिए आतूर दिख रहे है. जिनके घर मे रेशमी परदा करोड़ो की टाईल्स और ऐशो अराम की सारी सुविधा उपल्बध हो. लेकिन इन सबके बीच सवाल यह खड़ा हो गया है की क्या ऐसा होता है आम आदमी का सीएम और शायद जवाब होगा नही. अभी आरोप प्रत्यारोप चल ही रहा था की इस सबके बीच उप राज्यपाल साहब ने भी इस पुरे मसले पर मुख्य सचिव को तलब कर लिया है. क्या है खबर बताते है आपको ………… दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने के आरोपों के बाद मचे हंगामे के बीच दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले पर दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने 45 करोड़ के खर्चे से संबधित दस्तावेज सुरक्षित रखने के लिए कहा है. एलजी ने 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है.बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास के ‘सौंदर्यीकरण’ में खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उपराज्यपाल की छानबीन से बचने के लिए विभिन्न मदों में व्यय 10 करोड़ रुपये से नीचे रखा गया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की परियोजना से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी जानी होती है जबकि विभागीय प्रमुख या मंत्री को उससे कम के खर्च को मंजूरी देने का अधिकार है.
केजरीवाल को लगा तगड़ा झटका बंगले मे खर्च हुए पैसो पर बैठेगी जांच सचिव से मांगी रिर्पोंट !
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