बिहार के महागठबंधन सरकार में शामिल सत्ताधारी दल जदयू का अंदरूनी कलह अपने चरम पर है. एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा तो दूसरी और नीतीश कुमार और अन्य जदयू नेता अब आमने-सामने हैं.
इस बीच जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने ट्विटर के माध्यम से उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच एंट्री मारी है. यादव ने कहा है कि सत्ता में हिस्सेदारी के लिए बेटे का नाम पर कसम खाना बहुत शर्मनाक है.
अपने टि्वटर हैंडल पर पप्पू यादव ने दोनों नेताओं को नसीहत दी है. उन्होंने लिखा है कि बिहार में राजनीति का स्तर बेटों के सिर पर हाथ रख कसम खाने तक पहुंच गया.
कसम खाना है तो राज्य की किस्मत बदलने का खाइए राज्य को अच्छी तरह से विकसित बनाने का कसम खाओ सत्ता में हिस्सेदारी के लिए कसम? शर्मनाक!
मैं बेटे की कसम खाता हूं : कुशवाह
शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उपेन्द्र ने कहा था कि पार्टी नेता के कहने पर 2009 या 2021 में जदयू में आया. पार्टी जब कमजोर हो गई थी तो फोन कर बुलाया और कहा कि संभालिए.
मैं अपने बेटे की कसम खाने को तैयार हूं. उपेन्द्र ने कहा कि 2009 में 17 सीट हारने और 2020 में विस चुनाव में 43 सीट पर सिमटने के बाद जब पार्टी नेता को लगा कि जदयू कमजोर हुआ है तो मुझे याद किया.
जब बताया कि जदयू कमजोर हुआ है तो मुझे कहा गया कि भाजपा में जाने का मन है क्या. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हकीकत है कि जदयू बर्बाद हो रहा है. आने वाले दिनों में जदयू को हुए नुकसान की भरपाई भी नहीं हो सकती है.
नीतीश ने किया नज़रअंदाज
उपेंद्र कुशवाहा के कसम खाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने भी ध्यान नहीं दिया. नीतीश से पत्रकारों ने पूछा था कि उपेंद्र कुशवाहा अपने बयान को लेकर बेटे के नाम पर कसम खा रहे हैं. क्या आप भी बेटा कसम खाएंगे. इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह क्या सब बोल रहे हैं. यह कोई बात है. सीएम ने सवाल को ही टाल दिया था.