इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर कांग्रेस को बोलने का बिल्कुल भी हक नहीं है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल-डिजल पर वैट लगाने के फैसले पर निशाना साधा.
वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा पिछले साल के बजट भाषण के अंश पढ़ने पर चुटकी लेते हुए कहा कि राजस्थान में गड़बड़ है. भगवान की कृपा रहे कि किसी की हालत न हो कि पिछले साल का बजट पढ़ें.
कैपिटल एक्सीपेंडिचर से पैदा होंगे रोजगार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की चर्चा के दौरान कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिजर से रोजगार सृजन होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मेडिकल तक कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर बनेंगे. पीएम कौशल विकास योजना, ड्रोन्स के जरिए रोजगार आएंगे.
युवाओं को अंतरराष्ट्रीय जॉब्स के लिए तैयार करने के लिए स्किल सेंटर बनाए जाने के लिए स्किल सेंटर बनाए जाएंगे. वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर कहा है कि नए कर व्यवस्था से लोगों को जोड़ने के लिए सात लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है.
राज्यों को पर्याप्त संसाधन आवंटित किए गए हैं. 50 साल के लिए बिना ब्याज के 1.3 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया है.
राज्यों को दिए 17.98 लाख करोड़ रुपए
आम बजट पर चर्चा के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि संसाधनों को राज्यों को ट्रांसफर किया गया है. टैक्स और केंद्रीय योजनाओं को मिला दें तो राज्यों को लगभग 17.98 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ये 1.55 लाख करोड़ रुपए अधिक है.
भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी ऐसा ही होगा. नई योजना में बढ़ी छूट बिना किसी शर्त के है. वहीं, वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना, बैट्री मैन्यूफैक्चरिंग, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का जिक्र किया है.
महंगाई पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘बजट तब पेश किया गया, जब देश कोरोना महामारी से बाहर निकल रहा है और रिकवरी हो रही है. ऐसा न हम देख रहे हैं बल्कि कई ऑब्जरवर्स भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर ऐसी बात कह रहा है.
22 फरवरी से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था इस कारण बढ़ती कीमतों का बेहद दबाव था. खासकर उभरते हुए बाजारों में ये प्रेशर अधिक था.
वित्त मंत्री ने आगे कहा, ‘चीन में कोविड की वापसी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें बढ़ गई थी. प्रतिकूल मौसम के कारण न सिर्फ भारत में खाद्य पदार्थों की महंगाई बढ़ी बल्कि कई देशों में भी महंगाई बढ़ी है.