AAP ने विपक्ष को एकजुट होने की अपील की, कहा-अध्यादेश को राज्यसभा में गिराकर रहेंगे !

आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए अध्यादेश लाने की जमकर आलोचना की है. उसका कहना है कि कोर्ट के आदेश को पलटकर अध्यादेश लाना तानाशाही है. आप नेता  और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता कर पार्टी के अगले कदम की रूपरेखा रखी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप सरकार बेहतर काम कर रही है. ऐसी लोकप्रिय सरकार जो बस में माताओं और बहनों को फ्री यात्रा कराती है, फ्री बिजली, फ्री पानी देती है. इसे रोकने की कोशिश हो रही है. यह अध्यादेश अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने वाला है. इस मामले में आप सभी विपक्षी नेताओ से बात कर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी. संजय सिंह ने कहा, यह अध्यादेश जब राज्य सभा में आए तो सभी विपक्ष एकजुट होकर इस बिल को गिराने की कोशिश करेंगे. इसी क्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे.इसके एक दिन बाद वे उद्धव ठाकरे से बात करने वाले हैं. इसके बाद वे एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  शरद पवार से मुलाकात करेंगे. इससे पहले उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. सबके सामने एक ही विषय ही रखा, अगर हमें बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान को बचाना है, अगर में देश के संघीय ढांचे को बचाना तो सबको एक साथ खड़ा होगा. यह 2024 का सेमिफाइनल होगा. यह तय करेगा कि विपक्ष इस मामले में कितना संगठित है. इस बिल को राज्यसभा में गिराने का प्रयास होगा. एक सावल पर संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि क्या वह भारतीय संघीय ढांचे के साथ खड़ी या नहीं. इस विषय पर हम उनके आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहे हैं.  दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली और केंद्र सरकार की शक्तियां अलग हैं. केंद्र पास जहां जमीन और कानून के मामले मौजूद हैं. वहीं विधानसभा के पास कानून बनाने का अधिकार मौजूद है. मगर दिल्ली सरकार के पास अन्य राज्यों की अपेक्षा कम अधिकार हैं. कोर्ट ने कहा था कि अब अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का अधिकार होगा. यह ताकत दिल्ली सरकार के पास होगी. गौरतलब है ​कि  सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस भूषण के पुराने फैसले पर असहमति व्यक्त की थी. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के अनुसार, एनसीटीडी एक पूर्ण राज्य नहीं है. इसे फिर भी सूची 2 और 3 के तहत कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.