Arvind kejriwal के लिए था खुशी को मौका लेकिन खुशियों को नजर, वो तीन हादसे जिसने आप को खुश होने की बजाय चिंता मे डाल दिया …….

आम आदमी पार्टी का उदय इस देश की राजनीति मे साल 2012 मे हुआ केजरीवाल इस प्रण के साथ राजनीति मे आए थे की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त वैक्लपिक राजनीति देंगे लेकिन कई बार राजनीति मे उद्देशय पीछे औऱ महत्कांक्षा आगे निकल जाती है. जो आप पार्टी राजनीति को भ्रष्टाचार से मुक्त करनी आयी थी लेकिन राजनीति करते करते आप पार्टी के ही कई नेता भ्रष्टाचार के केस मे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. आप ने सबसे कम समय मे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लिया लेकिन जश्न मनाने की बजाय आप कानूनी पछड़े मे फसी रही और वो 3 मुसीबत जिसने केजरीवाल और आप के रंग मे भंग डाल दिया आखिर कौन सी है वो तीन मुसीबत ………… केजरीवाल को नई मुसीबत गुजरात से मिली है. अहमदाबाद की एक अदालत ने केजरीवाल और उनके करीबी सहयोगी संजय सिंह को आपराधिक मानहानि के मामले में समन जारी कर दिया है. दोनों को 23 मई को पेश होने को कहा गया है. गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ 12 अप्रैल को शिकायत दर्ज की थी.अरविंद केजरीवाल को सबसे बड़ी मुश्किल का सामना दिल्ली में ही करना होगा. शराब घोटाले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने उन्हें समन जारी किया है. सीबीआई और ईडी ने उन्हें इस केस में आरोपी नहीं बनाया है, लेकिन ईडी की चार्जशीट में केजरीवाल के नाम का जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है कि उन्होंने शराब कारोबारी और एक अहम आरोपी समीर महेंद्रू से फेसटाइम पर बात की थी और आप नेता विजय नायर को अपना आदमी बताते हुए भरोसा करने को कहा था.अरविंद केजरीवाल को 2022 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान के एक केस के मामले में गोवा पुलिस ने तलब किया है. सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध रूप से पोस्टर चिपकाने से संबंधित एक मामले में उन्हें बुलाया गया है. केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओ को समझना होगा की उन्हे सकारात्मक राजनीति करेंगे तो उनकी और उनकी पार्टी के लिए ही बेहतर होगा.