क्या अरविंद केजरीवाल की भी विधानमंडल की सदस्यता जाएगी यह सवाल खड़े होने लगे है. आखिर क्यो ऐसे सवाल उठ रहे है बताते है आपको. केजरीवाल जब राजनीतिक हमला करते है तो सभी राजनीतिक सिद्धातों को भूल जाते है. सभी राजनीतिक मर्यदाओ को भूल जाते है. लेकिन इस बार सीएम केजरीवाल पर भी न्यायालय के भीतर मुकदमा दर्ज हो गया है. क्या है खबर बताते है आपको ………… दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बीते सोमवार 22 मई को एक शिकायती मुकदमा दायर किया गया है. अरविंद केजरीवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है. अरविंद केजरीवाल ने 19 मई को एक ट्वीट किया था. इसी मामले में शिकायत दायर हुआ है.अधिवक्ता रवि भूषण प्रसाद वर्मा ने भारतीय दंड विधान की धारा 332, 500 और 505 के आरोपों के तहत शिकायत की है. अदालत ने शिकायती मुकदमा संख्या 4908/2023 दर्ज करते हुए मामले पर सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि निश्चित की है. शिकायती मुकदमे के आरोपों के अनुसार 19 मई को केजरीवाल के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को अनपढ़ कहा गया है. इसे मानहानि वाला बताया गया है.दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ट्विटर हैंडल से 19 मई को ट्वीट कर लिखा गया था- “पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा. अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा. इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए. एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है. उसे समझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है.बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी पटना में केस चल रहा है. मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की गई थी. इससे पहले इसी मामले में गुजरात में एक निचली अदालत ने उन्हें दो वर्ष का दंड सुनाया था. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गई. मामले में अब सुनवाई उच्च न्यायालय में चल रही है. अब अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस हो गया है. सीएम केजरीवाल को समझना होगा की राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप की भी एक सीमा होती है. जिसकी अहवेलना किसी भी कीमत पर नही होनी चाहिए. अभिव्यक्ति की आजादी की कुछ सीमाए है और यह तब और जिम्मेवारी वाला काम हो जाता है जब आप सार्वजनिक जीवन मे होता है.
Related