Bihar Political Crisis: उपेन्द्र कुशवाह का नीतीश को सलाह पिछड़े वर्ग के नेता पर अभी विश्वास नहीं हैं तो ….

 

बिहार की राजनीति में घाट का घाट का पानी पी चुके ओर तूफान लाने वाले और बिना टीम वाले  जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी.

इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भी उन्होंने जेडीयू नेतृत्व से चल रही नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर से आरोपों की बरसात कर डाली हैं.

 

उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को ट्वीट कर बताया था कि भोजपुर जिले के जगदीशपुर में नयका टोला मोड़ के पास से गुजर रहे काफिले में शामिल उनकी गाड़ी पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक हमला कर दिया.

कुछ लोगों ने गाड़ी पर पत्थर फेंका. सुरक्षाकर्मियों के दौड़ने पर सभी लोग भाग निकले. बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों ने काफिले को रोकने की कोशिश कर रहे लोगों की पिटाई कर दी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

हम कोई गाजर मूली नहीं हैं – कुशवाह

बीते कल ही एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि वे मंगलवार को दोपहर 12 बजे अपने पटना स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा लगातार सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू नेताओं पर हमला बोल रहे हैं.

सोमवार को बक्सर में मीडिया से बातचीत करते हुए भी उन्होंने कहा कि वे कोई गाजर-मूली नहीं हैं, जिसे कोई भी उखाड़कर फेंक दे. जेडीयू की आरजेडी से क्या डील हुई है, नीतीश कुमार को इसका खुलासा करना चाहिए.

हमें झुनझुना पकड़ा दिया गया : कुशवाह

जब आज जदयू के नाराज उपेन्द्र कुशवाह ने अपने पटना स्थित आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की तो उन्होंने कहा की मुझे संसदीय बोर्ड अध्यक्ष के रूप में झुनझुना पकड़ा दिया गया हैं . जब मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया तब पार्टी के संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं था.

कुछ समय बाद पार्टी संविधान में संशोधन कर उसमे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को जोड़ा गया था. लेकिन लिखा यह गया की संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य का चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे. पिछले 2 साल से संसदीय बोर्ड में किसी सदस्य की नियुक्ति ही नहीं हुई हैं.

पार्टी में हो पिछड़े वर्ग का मजबूत नेता: कुशवाह

उपेन्द्र कुशवाह ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की पार्टी में पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधितव तो हैं लेकिन वो सब या तो शक्ति विहीन हैं या अपने अपने क्षेत्र या कार्यों में व्यस्त हैं. पार्टी को देखना चाहिए की पार्टी के किसी एक पद पर ऐसा नेता पिछड़े वर्ग से होना चाहिए की जिसके पास निर्णय लेने की शक्ति हो.

अगर ऐसा होता हैं तो पार्टी पर पिछड़े वर्ग का भरोसा बढेगा,अगर ऐसा नहीं हो सकता हैं या पार्टी को अपने वर्तमान पिछड़े वर्ग के नेता पर इतना नेता पर भरोसा नहीं हैं. तो पार्टी किसी अन्य पिछड़े वर्ग के नेता को राज्यसभा ही भेज दे. जिससे पिछड़ा वर्ग का मनोबल बढ़ सके.

इस प्रेस वार्ता के बाद अटकले लगायी जा रही हैं की उपेन्द्र कुशवाह या तो राज्यसभा जाना चाहते हैं पार्टी में कोई मजबूत स्थिति चाहते हैं. दूसरी ओर, सीएम नीतीश साफ कह चुके हैं कि कुशवाहा पार्टी छोड़कर चले जाएं, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि वे जेडीयू छोड़कर नहीं जाने वाले हैं.