भारत मे कहा जाता है की जिसे राजनीति का लोभ हो गया तो उसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है. आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी जब राजनीति मे आयी थी. तो उनका लक्ष्य था की देश को भ्रष्टाचार मुक्त वैक्लपिक राजनीति उपल्बध करायी जाए. जिसका प्रचार पार्टी ने जोर शोर से किया भी. आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान विपक्ष के सभी बड़े नेताओ पर यह आरोप भी लगाया की वह सबसे भ्रष्ट लोग है.लेकिन राजनीति की मजबूरी ऐसी फसी की जिनका वह विरोध करते थे आज उन्ही के साथ पींगे बढ़ाने लगे है. क्या है खबर बताते है आपको ………… भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वह अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उन नेताओं का समर्थन मांग रहे हैं, जिन्हें उन्होंने कभी भ्रष्ट करार दिया था. बीजेपी सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश साहिब सिंह और हंसराज हंस ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. बीजेपी ने सीएम केजरीवाल पर यह आरोप दिल्ली सीएम का रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद लगाया है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि, ‘‘ एक समय ऐसा था जब अरविंद केजरीवाल नेताओं के नामों की सूची लिए घूमा करते थे और उन्हें भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते थे. आज वह नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को गले लगाने को तैयार हैं. केजरीवाल की प्राथमिकता भ्रष्टाचार खत्म करना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना है. भ्रष्टाचार के अपने साम्राज्य को बचाने के लिए वह किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कहा था कि अगर दिल्ली के सेवा मामलों पर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है, तो इससे देश भर में यह संदेश जाएगा कि बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में हराया जा सकता है. केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश ने दिल्ली सरकार के नौकरशाहों के तबादले और नियुक्तियों पर उपराज्यपाल के नियंत्रण को प्रभावी ढंग से बनाए रखा है. शहर की आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा है कि वह इस अध्यादेश को अदालत में चुनौती देगी. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केजरीवाल से मुलाकात के बाद उन्हें अध्यादेश के मसले पर पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया.