एक बार फिर बात करेंगे विश्व स्तर पर भारत की बढ़ती प्रभुता को लेकर.. भारत आज एक ऐसे मुकाम पर खड़ा है जहां तमाम देश एक उम्मीद भरी निगाहो से भारत की ओर टक-टकी लगाए देख रहे है… और उन्हे यकीन है कि उभरता हुआ ये भारत पूरे विश्व की गरिमा को बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी.. विश्व की गरिमा… अब आप सोच रहे होंगे की हम ऐसा क्यों कह रहे है तो आपको बता दें कि विश्व के हित के लिए मार्च के महिने में भारत के फैसले से विश्व स्तर पर चल रहे युद्ध को विराम मिल सकेगा.. ऐसा होता है तो पूरे विश्व में भारत की वाह-वाही के साथ ही कई देशों को लंबे समय के इंतजार के बाद शांतिपूर्ण तरीके से जीने का नया सवेरा मिल सकेगा… अब आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे जैसे की कैसे भारत लाएगा विश्व के लिए नया सवेरा ?.. क्या भारत रोक पाएगा विश्व स्तर पर चल रहे युद्ध?..
विश्व इस वक्त रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी तबाही का सामना कर चूका है.. यूक्रेन की हालिया तस्वीर देखेंगे तो आपकी रूहे कांप जाएंगी.. आपको याद होगी वो मासूम बच्ची की एक तस्वीर जो खंडहर में अपनों को खोज रही थी… वो तस्वीर जिसमे एक फौजी अपने साथी की लाश थामें बैठा था… वो तस्वीर जहां हर तरफ सिर्फ तबाही, तबाही और तबाही… 1 साल से भी ज्यादा समय से चले आ रहे इस युद्ध पर विराम लगाने में हर देश नाकाम हो रहा है… रूस-यूक्रेन जंग को एक साल होने वाले हैं. हकीकत में इन तस्वीरों को देखकर बस दिल एक ही सवाल कर रहा है आखिर क्यों हो रहा ये सब? इनका क्या कसूर है?… यही वजह है कि अब भारत ने भी ठान लिया है कि चाहे जो हो जाए इस तबाही को अब रोक कर ही रहेंगे…
इसकी सबसे बड़ी पहल पीएम मोदी मार्च के पहले महिने में करने वाले है.. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च के पहले हफ्ते में 40 देशों के विदेश मंत्रियों से औपचारिक-अनौपचारिक बातचीत करेंगे… जी-20 और रायसीना डायलॉग के बैनर तले होने वाली इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध ज्यादा चर्चा में रहेगा.. हालांकि, यूक्रेन इस मीटिंग का हिस्सा नहीं है, लेकिन रूस के बहाने उस पर चर्चा होगी… माना जा रहा है कि बैठक में भारत युद्ध को समाप्त करने का फॉर्मूला पेश कर एक बड़ी पहल कर सकता है… जी-20 मुख्यत: आर्थिक विकास को गति देने का मंच है, लेकिन रूस पर लगे प्रतिबंध और भारत जैसे देशों द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर राजनीतिक चर्चा हो सकती है… इसी बैठक में सितंबर में होने जा रहे शिखर सम्मेलन का एजेंडा तैयार होगा… कयास लगाए जा रहे है कि श्रीनगर में जी-20 के पर्यटन को लेकर बैठक होगी… हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.. लेकिन, सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर में इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं… बैठक मई में संभावित है.. इसे जम्मू-कश्मीर में चुनाव के आस-पास कराए जाने की भी खबरे आ रही है…
1 और 2 मार्च को होने वाली जी-20 विदेशमंत्रियों की बैठक में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन भाग लेंगे.. बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई जैसे मित्र देशों को भी बुलाया गया है.. इनमें से लगभग सभी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मुलाकात संभव है.. नियोजित जी20 बैठकें न केवल बड़े महानगरों में बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी आयोजित की जानी है.. वहीं सरकार ने एएसआई को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए निर्देश दे दिए हैं जिसको लेकर एएसआई कमर कस रहा है.. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत संरक्षित भारत में कुल 3,693 विरासत स्थल हैं जो केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के दायरे में आते हैं.. वहीं सरकार ने कर्नाटक में भोगा नंदीश्वर मंदिर और महाराष्ट्र में एलिफेंटा गुफाओं को पहले चरण के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया है.. सूत्र ने कहा, केवल दिसंबर-मार्च की अवधि के लिए यात्रा कार्यक्रम अभी तक ज्ञात है..
लेकिन इन सबके इतर भारत की भूमिका इसलिए भी अहम मानी जा रही है… क्योकि भारत के लिए विश्व में युद्ध की वजह से बिगड़े हालात को ठीक करने क्षमता है… आपको बता दें कि अगर युद्ध और उसकी वजह से बिगड़े हालात को काबू नहीं किया गया तो आने वाले समय में ये मंजर और भी ज्यादा भयावह हो सकता है.. क्योंकि बाइडेन ने साफ संकेत दिया है कि अमेरिका लंबी लड़ाई के लिए तैयार है… एक साल हो गया है और अमेरिका अब पीछे नहीं हटेगा.. तो वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन जंग के एक साल पूरा होने से ठीक 3 दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के लोगों को संबोधित किया… पुतिन ने कहा- रूस ने शुरुआत में जंग को टालने के लिए तमाम डिप्लोमैटिक कोशिशें कीं, लेकिन नाटो और अमेरिका ने इन्हें कामयाब नहीं होने दिया… हम अब भी बातचीत चाहते हैं, लेकिन इसके लिए शर्तें मंजूर नहीं हैं… वहीं, पुतिन ने भाषण के आखिरी मिनटों में अहम घोषणा की.. उन्होंने कहा है कि रूस परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका के साथ की गई न्यू स्टार्ट ट्रीटी को नहीं मानेगा… इसे सस्पेंड किया जा रहा है… दोनों ही विशाल देश के प्रधान अपनी जिद्द पर अडे है.. जो कि भविष्य के लिए ठीक नहीं है.. जब दो हाथी लड़ते हैं तो आसपास की घास ही कुचली जाती है.. ये विश्व के लिए अच्छा संकेत नहीं है..विश्व स्तर पर प्रधानमंत्री की ये कोशिश कामयाब रहती है तो सिर्फ देश ही नहीं विदेशों को भी अमन-शांति का पैगाम मिलेगा
EDIT BY: RAKESH MOHAN SINGH
WRITE BY: KRANTI SINGH