राजनीति संभावनाओ का मैदान है, राजनीति का हर फैसला बदले हुए जमीनी राजनीतिक हालात के हिसाब से तय होता है. जो केजरीवाल कभी कांग्रेस को भ्रष्टाचार के पर्याय मानती थी. आज बदले हुए राजनीतिक माहौल के वजह से कुछ भी बुराई कांग्रेस मे नही दिखती है. केजरीवाल ने अन्ना हजारे के नेतृत्व मे कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर खुब राजनीतिक रोटीया सेकी और कांग्रेस के भ्रष्टाचार की जमीन पर अपनी राजनीतिक फसल को पैदा किया और 2 राज्यों मे सरकार भी बनायी है. लेकिन प्रधानमंत्री के मजबूत राजनीतिक छवि के आगे इतनी बेबस हो गयी है कि उसे कांग्रेस के साथ भी बेमेल गठबंधन करने से भी गुरेज नही है. यह हम नही कह रहे है इसकी घोषणा खुद आप के वरिष्ठ नेता ने प्रेस वार्ता कर के दी है. क्या है पुरी खबर बताते है आपको …………. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन जरूरी हो गया है और अगर विपक्ष अब एकजुट नहीं हुआ तो अगली पीढ़ी गंभीर खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जो दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ संभावित संयुक्त मोर्चे का नेता बनने के बारे में सोच रहे हैं, वे स्थिति की गंभीरता को बिल्कुल नहीं समझ पाए हैं.AAP के वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई में समान विचारधारा वाले कई दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी 15 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फोन किया था, जिसके एक दिन बाद CBI ने आबकारी नीति मामले में आप के राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया था. खड़गे ने भी 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया था. अगर केजरीवाल ऐसा कोई बेमेल गठबंधन करते है तो नैतिकता के आधार पर जनता को क्या जवाब देंगे जब जनता उन्से यह पुछेगी की आप तो कांग्रेस को भ्रष्टाचारी कहते थे, अब वह कैसे इतने इमानदार हो गए की आपको कांग्रेस का साथ पसंद आ रहा है.
Loksabha Chunav 2024: विपक्षी एकता अब केजरीवाल को पसंद है, जिस कांग्रेस को देते थे गाली आज वो क्यों देश के लिए जरुरी ……
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