राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब उनकी होली जेल में ही बीतेगी. आम आदमी पार्टी के नेता की जमानत पर 10 मार्च को सुनवाई होनी है. आज सिसोदिया को तिहाड़ जेल भेजा जाएगा. इससे पहले जब आज सीबीआई ने पूर्व डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया तो वह रास्ते में मुस्कुराते दिखे. कोर्ट परिसर में मीडिया का जमावड़ा था. जब उन्हें पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तो उन्होंने मीडिया के सामने हाथ हिलाकर अभिवादन किया. आम आदमी पार्टी के नेता से दिल्ली की आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ की गई है.
सीबीआई के वकील ने कहा कि इस समय हम आगे सीबीआई रिमांड नहीं चाहते हैं लेकिन अगले 15 दिन में हम इस पर विचार करेंगे. सीबीआई को पहले 5 दिन, फिर 2 दिन के लिए सिसोदिया की कस्टडी मिली थी.
CBI सूत्रों के हवाले से पहले ही कहा गया था कि एजेंसी आज सिसोदिया की कस्टडी नहीं मांगेगी. 51 साल के सिसोदिया ने अदालत के सामने जमानत याचिका में कहा था कि सीबीआई उनसे बार-बार एक जैसे सवाल पूछ रही है. सिसोदिया का दावा है कि इस तरह उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है.
पिछली सुनवाई पर सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सिसोदिया को कस्टडी में रखने से कोई फायदा नहीं है. उनकी दलील थी कि एजेंसी की अक्षमता को रिमांड का आधार नहीं बनाया जा सकता. सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई से कहा था कि कुछ नया पूछने को हो तो ही सिसोदिया से पूछें. सीबीआई का कहना था कि सिसोदिया सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
सिसोदिया को प्रताड़ित कर रही CBI: आप
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया को कस्टडी में रखकर सीबीआई उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है, ताकि वह झूठे कबूलनामे पर दस्तखत कर दें. पार्टी नेताओं ने इसके लिए बीजेपी और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
रविवार को AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई तो पहले दिन से कह रही है कि हमारे पास सारे सबूत हैं. फिर अब सीबीआई इस तरह से झूठे सबूत गढ़ने की कोशिश क्यों कर रही है और कोर्ट में यह क्यों कह रही है कि उनके पास शराब नीति का कैबिनेट नोट तक नहीं है.
उन्होंने इस मामले में कांग्रेस को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्षी एकता की पक्षधर नहीं है, बल्कि बीजेपी के साथ उसकी मौन सहमति है. आतिशी ने कहा कि यह देश के लिए बड़ी चिंता की बात है. अगर मनीष सिसोदिया को कस्टडी में इस तरह से टॉर्चर किया जा रहा है, तो फिर ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है.