उन्होंने कहा कि पार्टी की एक और मांग है कि पीठाशीन अधिकारी को बदला जाए, जिस पर 17 फरवरी को सुनवाई होनी है, इसलिए 16 तारीख को बुलाई गई सदन की बैठक स्थगित हो गयी है.अब मेयर का चुनाव 17 तारीख के बाद, सुप्रीम कोर्ट के नतीजे आने के बाद ही संभव हो पायेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव हो और दिल्ली के रुके हुए कामों को आगे बढ़ाया जाए.
उनका कहना है कि अब तक मेयर नहीं चुने जाने से एमसीडी अपना बजट नहीं पेश कर पाई है. सफाईकर्मी, लाइनमैन सहित डॉक्टरों और टीचरों को सैलरी नहीं मिल पाई है क्योंकि कॉर्पोरेशन के पास फंड ही नहीं है. इसलिए जब तक मेयर नहीं चुना जाता, तब तक ग्राउंड पर समस्याएं बनी रहेंगी. हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि अब जल्दी ही दिल्ली को मेयर मिल जाएगा.
क्या आप बनाएगी एक महीने के लिए कोई मेयर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी एक महीने के लिए अपना मेयर बनाना नहीं चाहती है. वो चाहती है कि किसी तरह से मेयर का चुनाव अप्रैल तक टल जाए क्योंकि एक महीने के लिए जो भी मेयर बनेगा उसके पास करने के लिए कुछ भी नहीं होगा और संभव है कि इस दौरान विकास की योजनाओं को लेकर भी कुछ खास निर्णय नहीं हो पाएंगे. हालांकि आप इस मामले में कुछ भी खुल कर बोलने से बच रही है.
बीजेपी ने कहा- आप के पास बहुमत फिर क्यों भाग रही चुनाव से?
वहीं इस मामले में पूर्व मेयर और दिल्ली बीजेपी के नेता नरेंद्र चंचल ने कहा कि उन्हें अभी भी समझ मे नहीं आ रहा है कि आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव से क्यों भाग रही है, जबकि उन्हें एमसीडी में जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है. उन्हें चाहिए था कि मेयर का चुनाव कराकर दिल्ली के विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं. वहीं एल्डरमैन के वोटिंग को लेकर उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि वो वोटिंग नहीं कर सकते हैं तो वो वोटिंग नहीं करेंगे. हालांकि इससे पहले कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी इसलिए कभी उनके मतदान की जरूरत भी नहीं पड़ी. फिर भी आप के पास बहुमत है और एल्डरमैन के मतदान से मेयर चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था.
‘मेयर के चुनाव को अब टालना नहीं चाहिए’
वहीं राजनीतिक विश्लेषक रॉबिन शर्मा ने कहा कि दोनों पार्टियों को चाहिए कि शांति से मेयर का चुनाव करा कर वो दिल्ली के विकास और जनता के हित में काम करें. उन्होंने कहा कि एक महीने के बाद मेयर का चुनाव फिर से होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मेयर आम आदमी पार्टी का ही बनना है तो क्या फर्क पड़ता है. उन्होंने कहा कि जो भी होगा आम आदमी पार्टी का ही होगा और दिल्ली एमसीडी के इतिहास में मेयर के रूप में उसका नाम अमर हो जाएगा. दिल्ली को मेयर चाहिए जो आम आदमी पार्टी का ही बनने जा रहा है, इसलिए उन्हें इस सोच से ऊपर उठ कर जनहित के बारे में सोचना चाहिए.