मेघालय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। इससे पहले तमाम राजनीतिक दल सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। चुनाव से पहले सरकार बनने के समीकरणों के बीच खास चर्चा मेघालय की राजनीति में पैर पसार रही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की है। इस चुनाव को मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के बीच का चुनाव कहा जा रहा है।
2021 में पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कांग्रेस का दामन छोड़ टीएमसी जॉइन कर ली थी। इसके बाद से कांग्रेस राज्य में डगमगाती दिखाई दे रही है। वहीं टीएमसी इस चुनाव में मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के लिए प्रमुख चुनौती के रूप में उभरने की पूरी कोशिश कर रही है। मुकुल संगमा और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, दोनों के बीच गृह क्षेत्र गारो हिल्स में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही हैं। इस इलाके से 24 विधायक चुने जाते हैं।
कांग्रेस छोड़ ममता के पाले में आ गए थे मुकुल संगमा सहित कई विधायक
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के कदम मेघालय की राजनीति में एकदम नए हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के टीएमसी जॉइन करने के बाद ममता के दल का कद यहां काफी बढ़ गया है। मुकुल संगमा के गृह क्षेत्र गारो हिल्स के तुरा गांव के बाजार में एक दुकानदार कहते हैं कि मुकुल के बिना टीएमसी कुछ भी नहीं है।
नवंबर 2021 में टीएमसी ने मेघालय की राजनीति में उस समय धूम मचा दी थी, जब मुकुल के नेतृत्व में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक उसके पाले में आ गए थे। टीएमसी उस समय मेघालय की राजनीति में रातों-रात एक प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गयी थी। मेघालय विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस डगमगा रही है और भाजपा अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही है।
दोनों संगमा के बीच है कड़ी टक्कर
मुकुल संगमा और मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा का गृह क्षेत्र इस सियासी लड़ाई का प्रमुख केंद्र कहा जा रहा है। गारो हिल्स, जो राज्य के कुल 60 विधायकों में से 24 का चुनाव करता है। इस क्षेत्र में एनपीपी और टीएमसी के बीच चुनावों में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि गारो हिल्स में इसका प्रदर्शन यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगा कि टीएमसी राज्य में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने में सक्षम है या नहीं।