पार्टी अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ सेलेस्टाइन लिंगदोह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. डॉ लिंगदोह ने कहा, हमारे सभी विधायकों के पार्टी छोड़ने के बावजूद हम हर संघर्ष का सामना करने वाले हैं, क्योंकि हमारा जमीनी समर्थन अभी भी बरकरार है.
इसके अलावा हमारे 80 फीसदी उम्मीदवार चुनावी जंग में बिल्कुल नए चेहरे हैं. फिलहाल कांग्रेस पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें गांधी परिवार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं. लिंगदोह ने हालांकि कहा, राज्य पार्टी ने केवल कुछ स्टार प्रचारकों को शामिल करने का फैसला किया है.
जमीनी स्तर पर जुड़ेगी लोगो से कांग्रेस
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा, पिछले वर्षों के विपरीत इस बार हम बड़ी रैलियां नहीं करेंगे, बल्कि हम जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. लिंगदोह ने कहा, हम 42 विधानसभा क्षेत्रों में पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हमें विश्वास है कि मौजूदा सरकार के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर, असम और देश के अन्य हिस्सों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के कारण हम 31 का आंकड़ा पार कर सकते हैं. जनता इन सत्ताधारी दलों से पूरी तरह तंग आ चुकी है इसलिए सत्ता-विरोधी मतदाता हमारी पार्टी के पक्ष में होंगे.
पूर्व मंत्री ने कहा, मुझे नहीं लगता कि तृणमूल कांग्रेस मेघालय में कोई प्रभाव डालेगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मुकुल संगमा और उनका परिवार टीएमसी के कारण नहीं बल्कि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पहचान कायम रखने के लिए चुनावी मैदान में फिर से उतरे हैं और अपनी सीटें बरकरार रख सकें.
मुकुल संगमा सोंगसाक और तिकरिकिला विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और गारो हिल्स क्षेत्र से उनके परिवार के तीन सदस्य चुनावी मैदान में उतरे हैं. मुकुल की पत्नी दिकांची दलबोट शिरा, भाई जेनिथ एम संगमा और पुत्री मियानी डी शिरा, सभी मौजूदा विधायक महेंद्रगंज, रंगसकोना और अम्पाती निर्वाचन क्षेत्रों से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस स्टार प्रचारक सूची में अन्य नाम
इस सूची में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी, शशि थरूर, सचिन पायलट, गौरव गोगोई, जिग्नेश मेवाणी, कन्हैया कुमार का नाम भी पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं.
विशेष रूप से मेघालय में कांग्रेस पार्टी अपने लगभग सभी पार्टी विधायकों के टीएमसी, सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी और उसके क्षेत्रीय सहयोगी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति निष्ठा रखने के कारण चुनौतियों का सामना कर रही है.