बॉर्डर पर बढ़ रहे मुसलमान… खतरा ?

यूपी और असम में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास के इलाकों में मुस्लिम आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिस पर काफी समय से गौर किया जा रहा है। मुस्लिम आबादी बढ़ना आने वाले समय में देश के लिए घातक बन सकता है। क्योंकि इस्लमिक कट्टरपंथी संगठन पीएफआई बहिमुल्य मुस्लिम इलाकों में जाकर देश के लिए रणनीति तय कर लोगों को बढ़काने का काम करते हुए देश कि खिलाफ लड़ना सिखाते है। पीएमआई का एक ही उद्देश्य है इस देश को ईस्लामिक राष्ट्र बनाना।

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आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश और असम में इंटरनेशनल बॉर्डर इलाकों में पिछले सिर्फ 10 साल में अप्रत्याशित डेमोग्राफिक बदलाव देखा गया है। ग्राम पंचायतों के ताजा रिकॉर्ड के आधार पर UP और असम की पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अलग-अलग रिपोर्ट भेजी हैं। दोनों ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉर्डर के साथ सटे गुए जिलों में मुस्लिम आबादी 2011 के मुकाबले 32% तक बढ़ गई है, जबकि पूरे देश में यह बदलाव 10% से 15% के बीच है। यानी, मुस्लिम आबादी सामान्य से 20% ज्यादा बढ़ी है।

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जानाकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इतना ज्यादा डेमोग्राफिक बदलाव सिर्फ आबादी बढ़ने पर प्रशन नहीं उठाता। बल्कि इनका बढ़ना देश के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। यह भारत में घुसपैठ का नया फंडा भी हो सकता है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें अभी से देश को बचाने के लिए तैयारी रखनी होगी। इसीलिए UP और असम की सुरक्षा एजेंसियों ने BSF का दायरा बढ़ाने के आदेश दिए है।

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मिली जानकारी के आधार पर बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों और राज्यों की पुलिस ने अस बदलाव के चलते सुरक्षा कड़ी करते हुए कुछ कदम भी उठाए है। इसलिए दोनों राज्यों ने BSF के अधिकार क्षेत्र का दायरा 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी करने का निर्णय लिया है। यानी कि अब BSF को सीमा से 100 किमी पीछे तक जांच और तलाशी करने का पूरा अधिकार होगा।

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