Northeast Election 2023: पूर्वोत्तर में हार के बावजूद भी कांग्रेस में क्यों हैं संतोष; परिणाम के बीच कांग्रेस इस वजह से खुश ………..!

पुर्वोत्तर के तीनों राज्य के चुनाव को लेकर मचे महासंग्राम का आज फाईनल मुकाबला है. कौन जीतेगा, कौन हारेगा.. इसकी तस्वीर लगभग साफ हो ही गई है. इस मुकाबले की तस्वीर की ओर गौर करे तो बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी कही बाजी मार रही है, तो कही कांग्रेस की किसमत चमकती हुई नजर आ रही है. वहीं इन सबके बीच कांटे की टक्कर ने इस मुकाबले को काफी रोमांचक मोड दे दिया है.

इस महामुकाबले के रोमांचक मोड पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, “हमारे लिए चुनाव नतीजे उत्साहजनक भी हैं और निराशाजनक भी हैं. बंगाल में हमारा खाता खुला है. महाराष्ट्र में 30 साल के बाद आरएसएस–बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस जीती है.” चुनाव नतीजे पर जयराम रमेश ने कहा, उत्तर पूर्वी राज्यों में से त्रिपुरा में हमें बहुमत उम्मीद थी. नगालैंड में हमें पता था कि बीजेपी जोड़ तोड़ कर सरकार बना लेगी. मेघालय में पिछली बार हमारे 21 विधायक थे जो छोड़ कर चले गए. हमने वहां युवा नेताओं को टिकट देकर भविष्य की कांग्रेस तैयार की है. नतीजे को स्वीकार करते हैं, हमें संगठन को मजबूत करना है.

प्रचार में राष्ट्रीय नेतृत्व की उदासीनता और वाम दलों से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर जयराम ने कहा कि ये राष्ट्रीय चुनाव नहीं थे. वाम दलों से गठबंधन काफी सोच समझ कर किया गया था और सबको बहुमत की उम्मीद थी. जयराम ने कहा कि स्थानीय चुनाव में राष्ट्रीय नेता परिणाम नहीं बदल सकते. अगर संगठन मजबूत नहीं है तो हम चुनाव नहीं जीत पाएंगे.

पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों की अगर बात की जाए तो कांग्रेस मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में हारी है. तो वहीं, विधानसभा के उपचुनाव के नतीजों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में कांग्रेस ने एक-एक सीट जीती है. हालांकि, नगालैंड में तो कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है. त्रिपुरा में लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन 14 सीटों पर आगे चल रहा है.