RAHUL GANDHI : राहुल के संसदीय क्षेत्र मे ही कांग्रेस अपने संकल्प सत्याग्रह के लिए जनता नही जुटा पा रही क्या यह है बड़ी वजह …….. !

एक कहावत है की ना हम घर के ही रहे ना ही घाट के रहे . ऐसा ही कुछ राहुल गांधी के साथ हो रहा है. संसद के गलियारे तक पहुचने के लिए राहुल गांधी अमेठी से भागकर वायनाड पहुचे थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. क्योकी संसद पहुचने के बाद भी उनकी सदस्यता रद्द हो गयी, इंसान को अपने कर्मो का फल इसी जन्म मे भोगना पड़ता है ओर राहुल गांधी को भी भोगना पड़ा. लेकिन आज अपनी खबर मे बात हम राहुल गांधी की राजनीतिक परिणीती के बारे मे नही उनके पुर्व संसदीय क्षेत्र वायनाड़ मे उनकी लोकप्रियता के बारे मे, क्योकी राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद कांग्रेस ने देश भर मे संकल्प सत्याग्रह का आवहृन किया था लेकिन कांग्रेस को तब तगड़ा झटका लगा जब उनके ही पुर्व संसदीय क्षेत्र वायनाड़ मे ही लोग इस संकल्प सत्याग्रह मे नही पहुंचे. क्या है पुरी खबर बताते है आपको ………….  कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने पर दिल्ली में शोर है, लेकिन उनके अपने ही गढ़ वायनाड में हालात विपरीत नजर आ रहे हैं. खबर है कि क्षेत्र में राहुल के खिलाफ हुई कार्रवाई का खास सियासी असर नहीं हो रहा है. शुक्रवार को सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था. साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी.कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने पर दिल्ली में शोर है, लेकिन उनके अपने ही गढ़ वायनाड में हालात विपरीत नजर आ रहे हैं. खबर है कि क्षेत्र में राहुल के खिलाफ हुई कार्रवाई का खास सियासी असर नहीं हो रहा है. शुक्रवार को सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था. साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी. राहुल गांधी को समझना होगा की आज देश मे लोकतंत्र है, राजशाही के दौर मे राजा के हुक्म की आमिल होती थी. लेकिन आज के लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान अगर आप जनता से संपर्क स्थापित कर के नही रखेंगे तो जो जनता आपको अर्श पर बिठा सकता है तो फर्श पर भी ला सकती है, जो देखा जा रहा है.