इस देश ने हर दौर मे ऐसे कई नेता देखे जिनके अधिरपन और नातजुर्बेकारी के कारण उनकी पार्टी को कुछ खास हासिल नही हो पाया हाँ नुकसान जरुर हुआ था राजनीतिक तौर पर . आज भी देश की सबसे बुर्जुंग पार्टी के कथित युवा नेता राहुल गांधी जिन्हे मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने की वजह से 2 साल की सजा सुनाई गयी है ओर अगर उच्च न्यायलय ने उनकी सजा पर रोक नही लगाई तो वो अपना अगला लोकसभा चुनाव 60 वर्ष की आयु मे लड़ेगे. तो पार्टी के सबसे कथित युवा नेता ने हमेशा से ही अपनी टिप्पणी से पार्टी को मुश्किल मे ही ड़ाला है. उनके एक ओर ताजातरीन बयान ने फिर से कांग्रेस के सामने राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है. एकला चलो की निती पर चलने वाली कांग्रेस लगभग देश के तमाम राज्यो मे अब किसी ना किसी क्षेत्रीय दल के पिछल्गु के तौर पर ही जीवित बची कांग्रेस अब उस स्थिती मे नही है की वो और अधिक राजनीतिक नुकसान उठा सके. लेकिन राहुल तो ठहरे राहुल उन्हे पार्टी से क्या ही मतलब नुकसान हो तो हो आखिर हम कांग्रेस को होने वाले किस संभावित नुकसान का जिक्र कर रहे है बताते है आपको इस रिर्पोट मे ……….. राहुल गांधी का हाल ही में सावरकर पर दिया बयान कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बन गया है. इसका नजारा तब देखने को मिला जब, बीती रात मल्लिकार्जुन खड़गे की डिनर मीटिंग में 17 दलों के नेता पहुंचे लेकिन, उद्धव ठाकरे ने दूरी बनाकर रखी. ऐसे में कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. सूत्रों के अनुसार, तमाम विपक्षी दलों ने उद्धव की नाराजगी के बाद वीडी सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी करने से दूर रहने की सहमति जताई है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी नेताओं की डिनर मीटिंग में उद्धव ठाकरे की गैर-मौजूदगी की चर्चा काफी ज्यादा थी. ठाकरे ने हाल ही में राहुल गांधी को चेतावनी दी थी वीडी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी परेशान करने वाली है. उद्धव ने दो टूक शब्दों में कहा था कि सावरकर उनके लिए भगवान जैसे हैं. ऐसे में वो उनके खिलाफ कोई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे. राहुल गांधी को समझना होगा की अगर वो पार्टी को फायदा नही करा सकते तो नुकसान भी ना करे.