Tripura Election: माणिक सरकार का त्रिपुरा चुनाव से किनारा,लेफ्ट कांग्रेस के गठबंधन पर …

 

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्कस्वादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता माणिक सरकार ने कहा है कि त्रिपुरा में वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी ‘सहमति’ है, लेकिन गठबंधन नहीं है.

त्रिपुरा में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और माणिक ने इस चुनाव से किनारा करने का विकल्प चुना है. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही वह खुद एक उम्मीदवार न हों, लेकिन वह इस लड़ाई में पूरी तरह शामिल हैं.

उनकी पार्टी और कांग्रेस इस राज्य में मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मिलकर लड़ रहे हैं. माणिक ने कहा कि दोनों पार्टियां सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से एक साथ आने और राज्य में बीजेपी का मुकाबला करने की अपील के साथ लोगों के पास जा रही हैं.

उन्होंने अपनी इस अपील में लोकतंत्र, मानवाधिकार और अर्थव्यवस्था को खतरे में बताया है. हालांकि, 60 सदस्यीय विधानसभा में वाम मोर्चे ने कांग्रेस के लिए 13 सीटें छोड़ने का फैसला किया, जो कि ‘आपसी सहमति’ के वास्तविक मानदंडों को पूरा नहीं करती है. उधर कांग्रेस ने इसके इतर 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा की है.

 

भाजपा को हराना राष्ट्र की भलाई: माणिक सरकार

माणिक सरकार ने कहा की, ‘‘समान उद्देश्यों और प्रकृति वाले दल जब आपसी सहमति के साथ एक साथ आते हैं तो गठबंधन होता है. कांग्रेस के साथ ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. हमें न सिर्फ राज्य के लिए, बल्कि राष्ट्र की भलाई के लिए भाजपा को हराने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा एक छोटा राज्य हो सकता है, लेकिन हमें लगता है कि हमारे राज्य में बीजेपी की हार से भाजपा और आरएसएस के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई में काफी मदद मिलेगी. इसलिए यह कहना बेहतर होगा कि हमने कुछ सीटों पर कांग्रेस के साथ समझौता किया है.’’

सरकार 20 साल रहे मुख्यमंत्री

सरकार 1998 और 2018 के बीच त्रिपुरा के सीएम रहे हैं और वर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होने हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को कांग्रेस-वामपंथी और तिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन चुनौती दे रहा है.