महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलों की अंत होता नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बाद से उद्धव ठाकरे पार्टी को बचाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन उसमें भी असफल होते दिख रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता और विधानसभा में उपनेता अर्जुन खोतकर ने दिल्ली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है। जालना जिले में अर्जुन खोतकर का अच्छा प्रभाव माना जाता है। एकनाथ शिंदे से खोतकर की मीटिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे भी मौजूद थे। इस मीटिंग के बाद से कयास लग रहे हैं कि अर्जुन खोतकर जल्दी ही उद्धव ठाकरे को छोड़कर एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल हो सकते हैं।
इस मीटिंग की चर्चा इसलिए भी जोरों पर है क्योंकि अर्जुन खोतकर ने दो दिन पहले ही कहा था कि मैं जीवन भर शिवसेना में रहूंगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी खोटकर को उपनेता की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन आज खोटकर ने सीधे दिल्ली पहुंचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने अर्जुन खोतकर और रावसाहेब दानवे के बीच सुलह करा दी है। दोनों नेता जालना के रहने वाले हैं और उनके बीच 2019 में बड़ा विवाद छिड़ गया था। उस समय उद्धव ठाकरे ने मध्यस्थता कर दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझा लिया था। लेकिन अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों और सांसदों की बगावत के बाद इस बात की चर्चा है कि अर्जुन खोतकर किसका समर्थन करेंगे।
खोतकर के सामने एक सवाल उठा कि भाजपा में शामिल हुए शिंदे का समर्थन करना है तो रावसाहेब दानवे के खिलाफ संघर्ष का क्या होगा। अब खबर है कि एकनाथ शिंदे ने दोनों नेताओं को साथ आने पर राजी कर लिया है। बता दें कि अर्जुन खोतकर बीते कुछ वक्त से ईडी के भी निशाने पर हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वे जांच से बचने के लिए उद्धव ठाकरे को छोड़ एकनाथ शिंदे गुट के साथ जाने का फैसला ले सकते हैं। हालांकि अब तक खुद अर्जुन खोतकर की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन दिल्ली जाकर सीएम से मुलाकात ने यह तो बता ही दिया है कि वह कुछ बड़ा सोच रहे हैं।