उपेन्द्र कुशवाह जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है.
उपेन्द्र कुशवाह ने कहा है कि JDU किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है. इसमें सबका हक है. हम किसी भी हाल में 75 लाख लोगों के अरमानों पर पानी नहीं फिरने देंगे जो पार्टी से जुड़े हैं.
हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने यह दावा किया कि उन्होंने पार्टी और नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला.
पार्टी किसी की निजी संपंती नही: उपेन्द्र कुशवाह
मीडिया को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वह अभी भी जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता हैं और पार्टी की मजबूती के लिए हमेशा काम करते रहेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी न मेरी निजी संपत्ति है ना किसी और की.
यह उन लाखों करोड़ों लोगों के अरमानों से जुड़ी है जो जदयू से जुड़े हैं. अगर पार्टी बर्बाद हो गई या इसका नुकसान होगा तो देखते हुए चुप रहना कहीं से जायज नहीं है.
कुशवाहा ने फिर कहा कि जेडीयू कमजोर हो रही है. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सीएम को मिलकर यह बात बताई. एक मंत्री के आवास पर बैठक में नीतीश कुमार को पार्टी को हो रहे नुकसान से आगाह कराया.
लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. ऐसे में यदि चुप रहता तो जनता मुझे भी ब्लेम करती. पार्टी के कार्यकर्ता इसके लिए मुझे भी जिम्मेदार ठहराते. मैं अपने सभी सवाल पार्टी को सचेत और मजबूत करने के लिए उठा रहा हूं.
भाजपा नेताओं से भेट शिष्टाचार : उपेंद्र कुशवाहा
दिल्ली एम्स में बीजेपी नेताओं के साथ वायरल हुई तस्वीर पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आगे से यह भी पता लगाना पड़ेगा कि इलाज करने वाला डॉक्टर बीजेपी से जुड़ा तो नहीं है.
बीजेपी नेताओं से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने का किया यह कोई मसला नहीं है जिसे इतनी हवा दी गई. हमारी पार्टी के नेता भी बीजेपी के नेताओं से अक्सर मिलते रहते हैं. इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं होना चाहिए.
तेजस्वी को गठबंधन का नेता घोषित करने पर आपत्ति
तेजस्वी यादव को 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेता घोषित किए जाने पर उपेंद्र कुशवाहा ने आपत्ति जताई. नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि अगला चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनता के बीच घोषणा करने से पहले अपने सभी नेताओं से चर्चा करना जरूरी था. लोग यह बोल रहे हैं कि राजद और जदयू के बीच बड़ी डील होने की बात कही जा रही है.
राजद के कई नेता जोर जोर से बोल रहे हैं कि अब नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी सौंप दें. लेकिन, इस पर हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई खंडन नहीं किया जा रहा है. यह आश्चर्य की बात है. उन्होंने तंज कसा कि कोई ऐसी डील हुई है तो इस सार्वजनिक किया जाना चाहिए. इन्हीं कारणों से पार्टी के अंदर स्थिति असहज हो गई है.