कांग्रेस को विपक्षी एकता से पहले झटका, बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता का इस्तिफा मुसीबत मे विपक्षी एकता !

23 जून के लिए पटना तैयार हो रहा है. सभी विपक्षी दल शायद नया कपड़ा सिलाना भी शूरु कर दिया है. मन में महत्वकांक्षा की उम्मीद पाले विरोधाभास को मन मे दबा कर सभी लोग लोकतंत्र की उदय भूमि पर पहुंचने को तैयार है. कांग्रेस भी समीकरण लगा रही है की क्या विपक्षी एकता मे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे या टोकन प्रतिनीधि भेजकर अपनी उपस्थिती दर्ज करा दे. कांग्रेस अभी विपक्षी एकता की बैठक मे अपने प्रतिभाग को लेकर उधेड़ बून मे लगी ही थी की तब तक बिहार कांग्रेस से कांग्रेस के लिए बूरी खब़र आयी है. क्या है खबर बताते है आपको ……………. केंद्र की सरकार से बीजेपी को बेदखल करने के लिए 23 जून को विपक्षी दलों की पटना में महा बैठक होने वाली है  इसके पहले विपक्षी एकता की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस में नीतीश के नेतृत्व पर बगावत हो गई है. पार्टी के बिहार प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने पद और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कुंतल कृष्ण ने सरकार और विपक्षी एकता की मुहिम में नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है. बिहार सियासत लगातार करवट ले रही है. महागठबंधन के घटक दलों के नेता एक के बाद एक नीतीश कुमार को झटका दे रहे हैं. पहले जीतन राम मांझी की पार्टी नीतीश कुमार से अलग हो गई. अब कांग्रेस के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने पर  अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी पार्टी पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार के सामने सरेंडर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने हमेशा कांग्रेस का विरोध किया और पार्टी उन्हें तरजीह दे रही है. कुंतल कृष्ण ने कहा कि कि मैं बिहार में पिछले 25 सालों से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहा हूं. जब मैंने पार्टी जॉइन किया तो कांग्रेस विपक्ष में थी. हमने उम्मीद की थी कि जब सत्ता में आएंगे तो बिहार की जनता की बेहतरी के लिए कुछ कर पाएंगे. लेकिन जब हम सत्ता में आए तो उन लोगों के साथ है जो कांग्रेस का विरोध कर रहे थे. प्रवक्ता ने यहां तक कह दिया कि जो लोग जीवन भर कांग्रेस पार्टी का विरोध करते आए वही आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लीडर बने हुए हैं. अब वही लोग आगे भी हमारा नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं. इसे कांग्रेस का मेरे जैसा कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं कर सकता.