योगी ने जो कहा वो कर के दिखा दिया योगी ने यूपी के बजट सत्र मे दहाड़ते हुए कहा था की माफिया और अपराधियों को हम मिट्टी मे मिला देंगे. जिसके बाद विपक्ष ने खूब हंगामा मचाया था कि यह क्या भाषा है और क्या देश मे मानवाधिकार है की नही तब योगी ने विपक्ष से पुछ लिया था की पुलिस वालो का मानवाधिकार नही होता और विपक्ष के हंगामे की परवाह ना करते हुए योगी ने जो कहा वो कर दिखाया औऱ 5 लाख के इनामी और अतीक के बेटे को मिट्टी मे मिला दिया और विपक्ष का पसंदीदा काम बन चुका सिर्फ विरोध करने वाली परिपाटी को जिंदा रखते हुए उन्होंने असद के एनकांउटर पर सवाल खड़े करने लग गए. विपक्ष शायद यह भूल चुका है की सरकार का काम यह भी है की समाज को भय-मुक्त जीवन दे और वही योगी कर रहे है. लेकिन विपक्ष को इसमे भी दिक्कत है और विपक्ष की इस तरह की प्रतिक्रिया राज्य मे राजनीतिक असंमजस भी पैदा करता है की जो विपक्ष अपराध पर सरकार को घेरता है फिर वही विपक्ष अपराधी के वध पर इतना विलाप क्यो करता है. सपा, बसपा और अब कांग्रेस ने भी असद के एनकांउटर पर सवाल खड़े करना शुरु कर दिया है. क्या बोली कांग्रेस असद के एनकांउटर पर बताते है आपको पुरी खबर ……. माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. अखिलेश यादव ने इस मामले को चुनाव से जोड़ दिया है तो वहीं कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने भी इस एनकाउंटर की ह्यूमन राइट कमीशन से जांच कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ये कानून के दायरे में रहकर की जानी चाहिए. कांग्रेस नेता ने इस एनकाउंटर में किसी पुलिसकर्मी के घायल नहीं होने पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अतीक अहमद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन ये कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर होनी चाहिए. उन्होंने कहा असद बीए का छात्र था. अगर कोई एनकाउंटर होता है तो गोली दोनों तरफ से चलती है पर इस एनकाउंटर में किसी भी पुलिसकर्मी को कोई खरोंच तक नहीं आई है. एनकाउंटर का ये पूरा घटनाक्रम संदिग्ध हैं. पुनिया ने कहा कि इस मामले में मानवाधिकार आयोग द्वारा जांच की जानी चाहिए. विपक्ष को समझना होगा की अपराधी को सुधरने के मौके दिये जाने के नाम पर समाज मे अपराध को बढ़ावा नही दिया जा सकता है.