पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस का खतरा और बढ़ गया है. पिछले छह घंटों में कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती चार और बच्चों की मौत हो गई है. नौ दिनों में बच्चों की मौत का आंकड़ा अब 40 हो गया है.
रविवार की सुबह तक दो बच्चों आतिफा खातून 18 महीने और अरमान गाजी 4 साल की मौत की सूचना बी.सी. रॉय चिल्ड्रन हॉस्पिटल से मिली थी. हालांकि, शाम 4 बजे तक उसी अस्पताल से चार और बच्चों की मौत की सूचना मिली, जिससे दिन में मरने वालों की संख्या छह हो गई.
अस्पताल सूत्रों ने इन चारों मौतों की पुष्टि रविवार सुबह 10.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच की, लेकिन उनकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है. पिछले 13 घंटों में मरने वाले सभी बच्चों का इलाज बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे सामान्य एडेनोवायरस लक्षणों के लिए किया जा रहा था, लेकिन बच्चे ठीक नहीं हो रहे थे.
कम उम्र के बच्चों को अधिक खतरा
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही डॉक्टरों, विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों की विशेष देखभाल की जाय. बच्चे एडेनोवायरस से प्रभावित होने के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं.
बच्चों में एडेनोवायरस आमतौर पर श्वसन और आंत्र नलिका में संक्रमण का कारण बनता है. चिकित्सकों ने कहा कि 0-2 साल की उम्र के बच्चों को संक्रमण का सर्वाधिक व 2-5 साल की उम्र वाले बच्चे को संक्रमण का अधिक खतरा होता है. 5-10 साल के बच्चों के इस संक्रमण के चपेट में आने की आशंका होती है.
एडेनोवायरस के लक्षण और यह कैसे फैलता है
एडेनोवायरस के सामान्य लक्षण फ्लू जैसे हैं, जिनमें सर्दी, बुखार, सांस लेने में समस्या, गले में खराश, निमोनिया और तीव्र ब्रोंकाइटिस शामिल हैं. वायरस त्वचा के संपर्क, हवा से खांसने और छींकने और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है. अब तक, वायरस के इलाज के लिए कोई अनुमोदित दवाएं या कोई विशिष्ट उपचार नहीं है.