Bihar Political Crisis: उपेंद्र कुशवाहा आज दे सकते हैं इस्तीफा! प्रेस वार्ता के बाद ले सकते हैं बड़ा फैसला…

 

बिहार जेडीयू में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच बयानबाजी का सिलसिला भी लगातार जारी है. वहीं सूत्रों के अनुसार जानकारी मिल रही है कि उपेंद्र कुशवाहा आज जेडीयू से इस्तीफा दे सकते हैं.

उनके इस्तीफे को लेकर पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे. उन्होंने एक ट्वीट के जरिये इसका संकेत दिया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मैं आज दिनांक 27 जनवरी 2023 को दोपहर 12.30 बजे अपने पटना आवास पर मीडिया से बात करने हेतु उपलब्ध रहूंगा.

उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि जिसको जहां जाना है, जल्दी चले जाएं. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह बिना हिस्सा लिए कैसे चले जाएं? उपेंद्र कुशवाहा ने आज प्रेस-कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

बिहार के मीडिया गलियारो में चर्चा हैं की , आज वह अपना इस्तीफा भी दे सकते हैं. इसके पहले उपेंद्र कुशवाहा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कमजोर होने, जेडीयू के कमजोर होने और नीतीश कुमार द्वारा पार्टी की एक बैठक बुलाकर जेडीयू और आरजेडी के डील के बारे में सफाई देने की मांग की थी.

कुशवाहा ने मांगा लिया था अपना हक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को सलाह दी थी कि वे अपनी शिकायतों को ट्वीट करके बताने के बजाए पार्टी मंच पर उठाएं. नीतीशकुमार ने यह बात तब कही, जब पत्रकारों ने उनसे एक दिन पहले कुशवाहा के एक ट्वीट के बारे में सवाल किया. कुशवाहा ने मंगलवार को ट्वीट किया था, बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका (छोटे भाई) को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले. ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर….?

कुशवाहा पार्टी के भीतर करे अपनी बात- नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने उन्हें कहा, उन्हें यह समझना चाहिए कि वह पार्टी से अलग होने के बाद तीसरी बार पार्टी में लौटे हैं, लेकिन उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया गया. यदि उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें वह पार्टी के भीतर जाहिर करना चाहिए. आपको अपने विचार मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक नहीं करने चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा 2021 में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जेडीयू में लौट आए थे और उन्हें तुरंत पार्टी का शीर्ष पद दिया गया और कुछ ही समय बाद विधान परिषद की सदस्यता दी गई थी.