देश की राष्ट्रीय राजनीति मे ढ़ोल-ताशो की गुंज के साथ एक पार्टी ने दावा किया था कि जी हम राजनीति मे आंएगे औऱ भ्रष्टाचार मुक्त वैक्लपिक राजनीति उप्लबध कराएंगे. लेकिन कितनी विचित्र बात है की जो पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की बात करते थे उनके बड़े बड़े नेता भ्रष्टाचार के मामले मे कथित आरोपी है और जेल मे बंद है. उससे भी बड़ी विड़बना यह है की पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक जो एक जमाने मे विपक्षी पार्टीयों के बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे आज वो भी केंद्रीय ऐजेंसी के रड़ार पर है. अब इस भ्रष्टाचार के आरोप के कारण पार्टी मे फुट और टुट का भी खतरा बढ़ गया है. अब इन आरोपो की वजह से पार्टी के कई नेता पार्टी छोड़ने लगे है जिसने आप की टेंशन को बढ़ा दिया है. खबर को अच्छे से समझने के लिए देखिए हमारी ख़ास रिर्पोट ………. सूरत में आम आदमी पार्टी को हफ्तेभर में दूसरा झटका लगा है. सूरत महानगरपालिका के दो और पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए है. फरवरी, 2021 के निकाय चुनाव में 27 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी के पार्षदों की कुल संख्या अब 15 रह गई है. पहली बार में बार, फिर दूसरी बार में छह पार्षद पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं. अब तब कुल 12 पार्षद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. 15 अप्रैल को 6 पार्षद एक साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं. तो वहीं दूसरी आम आदमी पार्टी एक्शन लेते हुए इन दोनों पार्षदों को पार्टी ने निष्कासित किया है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर पार्षदों को खरीदने का आरोप लगाया है.सूरत में आप के जिन पार्षदों ने पार्टी छाेड़ी है. उनमें वार्ड संख्या 3 के पार्षद कनु गेडिया और वार्ड 2 के पार्षद राजेश मोरडिया शामिल हैं. आम आदमी पार्टी का दावा है कि दोनों पार्षदों को निकाल दिया गया था. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हुए हैं. आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक बयान में कहा है कि बीजेपी धनबल से आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़ रही है. बीजेपी की तरफ दो और पार्षदों को लालच और दबाव दिए जाने के बाद पार्टी विरोधी हुए दोनों पार्षदों को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी के पास सूरत में अब सिर्फ 15 पार्षद बचे हैं. अगर आने वाले दिनों कुछ और पार्षदों ने पार्टी छोड़ी तो आप निगम में विपक्ष का दर्जा भी खो सकती है.