कांग्रेस के मन के भीतर भाजपा का ड़र कितना ज्यादा है, यह ड़र वाली सोच कांग्रेस के पहली पंक्ति से लेकर आखिरी पंक्ति तक के नेता मे दिखती है. कर्नाटक मे अगले महिने चुनाव है लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी से ही भयभीत दिख रहा है. यह भय वाली बात कोई और नही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कही है बात ………. आखिर क्या कहा खड़गे ने बताते है आपको……….. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है. राजनीतिक दलों में गहमागहमी जारी है. राज्य में प्रचार अभियान भी तेजी पर है. इसी बीच टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहम जानकारियां दी हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को हर हाल में 150 सीटें जीतनी होंगी, नहीं तो बीजेपी हमें तोड़ देगी. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास स्थानीय कार्ड खेलने का विकल्प था, क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उसी राज्य से हैं. इससे पहले गुजरात चुनाव में बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के स्थानीय जुड़ाव का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस को समझना होगा की भाजपा का संगठन धरातल पर कांग्रेस से अधिक प्रभावी है. कांग्रेस के संगठन मे आज के दौर मे आलस, उदासीनता और अनुशासनहिनता दिखती है, जिसकी वजह से कांग्रेस मे आज के दौर मे अधिक पलायान देखने को मिलता है. कांग्रेस कर्नाटका मे चुनाव से पहले आपसी अदावत देखने को मिल रही है. आज के दौर मे कर्नाटक के भीतर दो कांग्रेस देखने को मिलती है एक शिवकुमार और दुसरी सिद्धैरमैया कांग्रेस है. कांग्रेस ने कर्नाटक के इन दोनो गुटो के बीच का जुतमपैजार को कम करने के लिए ही कांग्रेस ने इन दोनो नेताओ को क्षेत्रो मे बांट दिया है. जिससे की जब परिणाम घोषित होने के बाद आंतरिक कलह को चुनावी परिणाम के आधार पर कम किया जा सके. मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान भी शायद इसी गुट बाजी का ही परिणाम है.