आज है उपराष्ट्रपति चुनाव, कौन है शक्तिशाली?

आज होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन राजग के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का पलड़ा भारी है। विभिन्न दलों से मिले समर्थन को देखते हुए धनखड़ को 67 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने का अनुमान है। विपक्षी उम्मीदवार कांग्रेस की मार्गेट अल्वा के साथ पूरा विपक्ष नहीं जुट पा रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बना ली है, तो बसपा, वाईएसआरसीपी, बीजद, तेलुगुदेशम जैसे दल धनखड़ के समर्थन में खड़े हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता केशव राव ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गेट अल्वा का समर्थन करेगी।

Also Read:संवैधानिक संस्थाए बन गयी हैं राजनीतिक झुनझुना ?

इस समय दोनों सदनों में 788 सदस्य हैं। बहुमत का आंकड़ा 395 है। भाजपा के दोनों सदनों में अपने 394 सांसद हैं। यानी उसके अपने ही वोट 50 फीसदी हैं। राजग को मिलाकर यह आंकड़ा 445 सांसदों का हो जाता है। हाल के चार मनोनीत सांसदों को मिलाकर राजग के पास 449 सांसदों का समर्थन हो जाता है। इसके अलावा उसे अन्य दलों से भी समर्थन हासिल है। इनमें वाईएसआरसीपी (31), बीजद (21), बसपा (11), तेलुगुदेशम (4) शामिल हैं। इनके समर्थन के साथ धनखड़ के पक्ष में आंकड़ा 512 वोट का हो जाता है। राजग नेताओं को उम्मीद है कि इसके अलावा कई और दल और सांसद भी उसका समर्थन करेंगे और वह पिछली बार से ज्यादा वोट हासिल करेंगे।

Also Read:बॉर्डर पर बढ़ रहे मुसलमान… खतरा ?

वेंकैया नायडू ने बड़े अंतर से हासिल की थी जीत

मालूम हो कि पिछली बार 2017 के उप राष्ट्रपति चुनाव में राजग के वैंकेया नायडू ने विपक्ष समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को हराया था। तब नायडू को 516 (67.89 फीसदी) व गांधी को 244 (32.11) फीसदी वोट मिले थे। इस बार विपक्ष और ज्यादा बिखरा हुआ है। विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है।

Also Read: द्रौपदी मुर्मू से शुरू होगा जनजातीय समूह का उदय?

भाजपा ने सांसदों को कराया मतदान का अभ्यास

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा ने एक दिन पहले शुक्रवार शाम को सभी सहयोगी दलों के सांसदों के साथ बैठक की है। इसमें सांसदों को मतदान का अभ्यास भी कराया गया, ताकि कोई भी वोट खराब न हो। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 17 वोट गलत मतदान के कारण रद्द कर दिए गए थे।

Also Read: मौत के खौफ में जीने को मजबूर समाज के रखवाले …

ऐसे होता है मतदान

चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार, एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा। और चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा होगा। इस प्रणाली में, निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती है। चुनाव में खुले मतदान की कोई अवधारणा नहीं है और राष्ट्रपति एवं उप राष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है। मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा।

Also Read:राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू को राजा भैया ने भेजा तोहफा, खत लिखकर कही ये बात, देखे पूरी खबर

राज्यसभा सोमवार को सभापति नायडू को विदाई देगी

राज्यसभा सोमवार को अपने सभापति एम. वेंकैया नायडू को विदाई देगी, जिनका कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शुक्रवार को सदन में इसकी घोषणा की।

उच्च सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद हरिवंश ने कहा, माननीय सदस्य, जैसा कि आप सभी जानते हैं, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू 10 अगस्त को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। सदन उन्हें सोमवार, 8 अगस्त को विदाई देगा। इस वजह से उस दिन शून्यकाल नहीं होगा, ताकि विभिन्न दलों के सदस्य विदाई भाषण दे सकें। सभापति को विदा देने के अवसर पर प्राय: प्रधानमंत्री, सदन के नेता एवं नेता प्रतिपक्ष एवं विभिन्न दलों के नेता निवर्तमान सभापति के कार्यकाल में उनके योगदान और भूमिका की चर्चा करते हैं। राज्यसभा के सभापति का कार्यकाल पांच वर्ष जबकि सदस्य का छह वर्ष होता है।

Also Read:नीति आयोग ने जारी किया इनोवेशन इंडेक्स, लगातार तीसरे साल शीर्ष पर है भारत का ये राज्य…